पीआईए के कर्मचारियों ने रमजान के महीने में अपने वेतनों को रोकने से सरकार को अनुरोध किया है और उन्हें पायलट विमान नहीं उड़ाने की सलाह भी दी है। वहीं, IMF की नई रिपोर्ट ने प्रधानमंत्री शहबाज सरकार को और अधिक मुश्किल में डाल दिया है। इस बात की जानकारी पीएम ओवैस सिद्दिकी ने दी है।
Contents
पाकिस्तान की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। देश की अर्थव्यवस्था लगातार खराब होती जा रही है जिससे सरकार की चिंता बढ़ती जा रही है। एक ओर IMF की नई रिपोर्ट में पाकिस्तान की GDP 2 फीसदी से कम होकर 0.5% हो गई है, वहीं दूसरी ओर सैलरी न मिलने की वजह से पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन के पायलट निराश हैं और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिए हैं। पायलट्स का कहना है कि उन्हें रमजान के महीने में भी सैलरी नहीं मिल पा रही है जिससे पायलट बायकॉट करने के विचार कर रहे हैं। इससे पहले पाकिस्तानी संसद की उड्डयन मामलों की स्थायी समिति को सूचित किया गया था कि बड़ी संख्या में पायलट हाल ही में देश छोड़कर चले गए हैं। इस समय, पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन के सीईओ आमिर हयात ने बताया था कि हाल ही में 15 पायलट देश छोड़कर जा चुके हैं।
पाकिस्तान सरकार की बड़ी चुनौतियों
पायलट निराश हो रहे हैं क्योंकि उन्हें रमजान के पवित्र महीने में भी उनकी वेतन भुगतान नहीं हो रही है। पीआईए के कर्मचारियों ने मांग की है कि सरकार रमजान के महीने में उनकी सैलरी न रोके, इसके अलावा पीआईए विमानों को नहीं उड़ाने पर भी विचार कर रहे हैं। वहीं, दुनिया भर से मदद के लिए अपील करते हुए देश चलाने के लिए मजबूर हो रहे हैं और IMF की नई रिपोर्ट ने सरकार को बड़ी चुनौती दी है।
पाकिस्तान की GDP 2% से भी घटी
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने नई विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट में बताया है कि पाकिस्तान के चालू वर्ष के विकास के अनुमान को चालू वित्त वर्ष (FY23) के लिए 2 प्रतिशत से घटाकर 0.5 प्रतिशत कर दिया गया है। इस रिपोर्ट में आईएमएफ ने बताया है कि पाकिस्तान की जीडीपी वित्त वर्ष 24 में 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह अनुमान वित्त वर्ष 22 में 6 प्रतिशत था।
पाकिस्तान में बढ़ेगी 7% बेरोजगारी
इस अनुच्छेद में बताया गया है कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने चालू वित्त वर्ष (FY23) के लिए पाकिस्तान के विकास के अनुमानों को कम कर दिया है। इसके अलावा, मुद्रास्फीति की दरों में भी संशोधन किया गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि उपभोक्ता कीमतों में भी वृद्धि की उम्मीद है। इससे देश में बेरोजगारी के मामलों में भी बदलाव आ सकता है।