भगवान श्रीराम के तीन भाई भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न के बारे में तो आप सभी जानते होंगे | लेकिन हम आपको बताना चाहेंगे की उनकी शांता नाम की एक बहन भी थी। शांता का विवाह श्रृंगी ऋषि नाम के ऋषि से हुआ था। शांता और श्रृंगी ऋषि विवाह के बाद जंगल में रहते थे, लेकिन बाद में वे बस्ती, उत्तर प्रदेश में एक स्थान पर चले गए। श्रृंगी नारी नाम का एक मंदिर है जहां रोजाना हज़ारो लोग लोग शांता के दर्शन करने जाते हैं।
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पुत्री शांता वन में तपस्या करने चली गईं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की पहली संतान शांता थी. वह बड़ी हो गयी लेकिन राजा दशरथ के कोई पुत्र नहीं हुआ तो वे चिंतित हो उठे. अपने पिता को चिंता में देख उनकी पुत्री शांता अपने परिवार की वंश वृद्धि के लिए वन में चली गईं और वह पर रहकर कड़ी तपस्या करने लगीं. और इसी बीच उनकी मुलाकात श्रृंगी ऋषि से हुई. बाद में इसी श्रृंगी ऋषि से शांता ने विवाह कर लिया और वहीं पर श्रृंगी ऋषि नारी धाम की स्थापना कर रहने लगे.
श्रृंगी ऋषि ने पुत्रेष्टि यज्ञ भी करवाया ।
ऐसा कहा जाता है कि श्रृंगी ऋषि ने बस्ती के मखौड़ा धाम में पुत्रेष्टि यज्ञ किया था, कहा जाता है इस यज्ञ में राजा दशरथ की तीनों रानियां कौशल्या, कैकेयी और सुमित्रा भी शामिल हुई थीं| जिसके फलस्वरूप राजा दशरथ के चार पुत्र हुए: राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न। इस घटना ने रघुकुल के वंश को बढ़ाने में मदद की, और पृथ्वी से कई दुष्ट प्राणियों का भी सफाया कर दिया।
हर रोज जाते है हज़ारो की संख्या में श्रद्धालु
यह श्रृंगीनारी धाम श्रृंगी ऋषि का पूजा स्थल है, और यह बस्ती जिले में स्थित है। यहां हजारों की संख्या में लोग प्रतिदिन दर्शन करने आते हैं और धाम के पुजारी कहते हैं कि दर्शन मात्र से ही दर्शन करने वाले की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। जिन लोगों के विवाह में समस्या आ रही है वे अक्सर यहां आकर विवाह की मन्नतें मांगते है और उनकी यह मंनत कुछ समय में पूरी भी हो जाती हैं। जिन लोगों को संतान सुख नहीं मिल पाता, वे भी इस धाम में बड़ी संख्या में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं |